जयपुर में पहली बार साइकल पोलो लीग खेली जा रही है। लेकिन इनके पास न तो खिलाड़ियों को देने के लिए पैसे हैं, न मैच टेलीकास्ट कराने के लिए साधन। लीग देखने लोग भी नहीं आ रहे। लीग में 5 टीमें हिस्सा ले रही हैं। हर टीम में 8-8 खिलाड़ी हैं। पैसों की कमी थी तो खिलाड़ियों का ऑक्शन भी नहीं हुआ। खिलाड़ियों की रैंकिंग तैयार कर इसके हिसाब से ही टीम तैयार कर ली गई।
साइकल पोलो फेडरेशन के महासचिव गजानंद बोर्डे ने बताया कि हमने इस लीग को डीडी स्पोर्ट्स पर लाइव करने के लिए संपर्क किया था। उन्होंने इसके लिए हमसे 12.50 लाख रुपए मांगे। हमारे पास इतने पैसे कहां हैं। हमने उनसे कहा था आप खुद के स्पांसर ले आओ और उसका पैसा खुद ही रखो। हम कुछ नहीं लेंगे। लेकिन यह नहीं हो सका।
लीग में 5 टीमें खेल रहीं, हर टीम में 8-8 खिलाड़ी
गजानंद ने बताया कि टीमों से हमें जो पैसा मिल रहा है, उसमें से लीग में होने वाले खर्च के बाद जो पैसा बचेगा उसे खिलाड़ियों में बांटा जाएगा। साइकल पोलो लीग का मैदान 80x120 मीटर का होता है। एक तरह से फुटबॉल के मैदान के साइज का। इसका साइज हॉर्स पोलो के मैदान से लगभग आधा होता है। हॉर्स पोलो जैसा उत्साह भी साइकल पोलो में देखने को नहीं मिल रहा है।